Ank Vidya Rahasya (अंक विद्या रहस्य) And Laghu Parashari ( लघु पाराशरी ) Set Of 2 Books In Hindi Published By Ranjan Publications ( Best A…
₹124.50
Ank Vidya Rahasya (अंक विद्या रहस्य) Published By Ranjan Publications , Pages – 144 , MRP – 100 Laghu Parashari ( लघु पाराशरी ) Published By Ranjan Publication , Pages – 144 , MRP – 150 भूमिका एवं पुस्तक परिचय अंक विज्ञान मुख्यतः पाश्चात्य ज्योतिर्विदों का ही विशद अनुसंधान है जो आज फलित ज्योतिष की तरह भाग्यफल विवेचन की एक प्रमुख शाखा बन गई है । पाश्चात्य विद्वान सेफेरियल ने सबसे पहले अंकों का तालमेल हिब्रू-यहूदी – वर्णमाला से जोड़ा । उनका ही यह प्रथम शोध है- जिसमें सूर्य, चन्द्र, बुध आदि नौ ग्रहों और मेष, वृषभ आदि बारह राशियों तथा पृथ्वी को भी एक विकिरण तरंग पैदा करने वाले ग्रहों की मान्य सूची में रखकर पैदा हुए व्यक्तियों के सम्बोधन ध्वनियों के नामाक्षर का भाग्यवादी विश्लेषण किया है । अंक विज्ञान की प्रारम्भिक शाखा का ज्ञान प्राप्त करने वाले सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत पुस्तक अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार भाग्य विवेचन करने का अद्भुत स्रोत है । यद्यपि ज्योतिष विज्ञान आज बहुत सक्षम और सूक्ष्म गणनाओं के आधार पर जीवन के सांगोपांग विश्लेषण का माध्यम बन चुका है, परन्तु अंक विज्ञान की हिब्रू -शैली अपने आप में अद्भुत रोचक और पठनीय है | बस सिर्फ आपके नाम के शुद्ध अंग्रेजी वर्णाक्षर का ज्ञान होना चाहिए । आपका नाम आपके लिए कितना भाग्यशाली और अनुकूल है, इसका विश्लेषण भी आप इस पुस्तक में कबाला – एवं यूनिट पद्धति के अनुसार कर सकते हैं । ” लघु पाराशरी हमारी उस प्राचीन प्रतिपादन शैली का एक उत्कृष्ट व जिसके दर्शन हमें संस्कृत के सूत्रकारिका संग्रह आदि अनूठा नमूना पद्धति से रचित ग्रन्थों में होते हैं। जिस प्रकार पाणिनीय व्याकरण में प्रवेश पाने के लिए लघु सिद्धान्त कौमुदी के महत्त्व को सभी जानते हैं, उसी प्रकार फलित ज्योतिष के गहरे अध्ययन की ओर अग्रसर जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक मुख्य प्रवेश द्वार है। यही कारण है कि सुदीर्घ काल से यह फलित ज्योतिष के पठन-पाठन में अपना अक्षुण्ण स्थान बनाए हुए है। सुकुमारमति छात्रों से लेकर बड़े-बड़े विद्वानों तक के मन को हर लेने वाली इस लघु पाराशरी को जहां अक्षय यश मिला, वहीं पर इसके रचयिता के विषय में निश्चय से कुछ कह पाना सम्भव नहीं है। विराट को अणु परमाणु में समेटने व उसे अन्तश्चेतना में प्रत्यक्ष करने की शक्ति से प्राचीन भारतीय मनीषियों ने भगवद्गीता, दुर्गासप्तशती, भागवत जैसे बृहद् ग्रन्थों को जिस प्रकार से सात-सात या चार श्लोकों में समेटा है उसी प्रकार पाराशर सिद्धान्तों को यहाँ केवल 42 श्लोकों में समेट दिया गया है। संक्षिप्तीकरण का यह एक श्रेष्ठतम नमूना है। सम्पूर्ण पाराशर मत का इन 42 श्लोकों में जो नवनीत प्रस्तुत किया गया है वह वास्तव में ज्योतिष में प्रवेश चाहने वाले पाठकों के लिए हृष्टि-पुष्टि व तुष्टि प्रदान करने वाला है। ”
ASIN : B0DL5GLBD1
Publisher : Generic (30 April 2024)
Paperback : 287 pages
Item Weight : 370 g
Dimensions : 13.8 x 2 x 21.5 cm
Country of Origin : India
Packer : Ranjan Publications
Generic Name : Ank Vidya Rahasya (अंक विद्या रहस्य) And Laghu Parashari ( लघु पाराशरी )
Product Description
Price: ₹124.50
(as of Dec 21, 2024 00:31:30 UTC – Details)
Ank Vidya Rahasya (अंक विद्या रहस्य) Published By Ranjan Publications , Pages – 144 , MRP – 100 Laghu Parashari ( लघु पाराशरी ) Published By Ranjan Publication , Pages – 144 , MRP – 150 भूमिका एवं पुस्तक परिचय अंक विज्ञान मुख्यतः पाश्चात्य ज्योतिर्विदों का ही विशद अनुसंधान है जो आज फलित ज्योतिष की तरह भाग्यफल विवेचन की एक प्रमुख शाखा बन गई है । पाश्चात्य विद्वान सेफेरियल ने सबसे पहले अंकों का तालमेल हिब्रू-यहूदी – वर्णमाला से जोड़ा । उनका ही यह प्रथम शोध है- जिसमें सूर्य, चन्द्र, बुध आदि नौ ग्रहों और मेष, वृषभ आदि बारह राशियों तथा पृथ्वी को भी एक विकिरण तरंग पैदा करने वाले ग्रहों की मान्य सूची में रखकर पैदा हुए व्यक्तियों के सम्बोधन ध्वनियों के नामाक्षर का भाग्यवादी विश्लेषण किया है । अंक विज्ञान की प्रारम्भिक शाखा का ज्ञान प्राप्त करने वाले सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत पुस्तक अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार भाग्य विवेचन करने का अद्भुत स्रोत है । यद्यपि ज्योतिष विज्ञान आज बहुत सक्षम और सूक्ष्म गणनाओं के आधार पर जीवन के सांगोपांग विश्लेषण का माध्यम बन चुका है, परन्तु अंक विज्ञान की हिब्रू -शैली अपने आप में अद्भुत रोचक और पठनीय है | बस सिर्फ आपके नाम के शुद्ध अंग्रेजी वर्णाक्षर का ज्ञान होना चाहिए । आपका नाम आपके लिए कितना भाग्यशाली और अनुकूल है, इसका विश्लेषण भी आप इस पुस्तक में कबाला – एवं यूनिट पद्धति के अनुसार कर सकते हैं । ” लघु पाराशरी हमारी उस प्राचीन प्रतिपादन शैली का एक उत्कृष्ट व जिसके दर्शन हमें संस्कृत के सूत्रकारिका संग्रह आदि अनूठा नमूना पद्धति से रचित ग्रन्थों में होते हैं। जिस प्रकार पाणिनीय व्याकरण में प्रवेश पाने के लिए लघु सिद्धान्त कौमुदी के महत्त्व को सभी जानते हैं, उसी प्रकार फलित ज्योतिष के गहरे अध्ययन की ओर अग्रसर जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक मुख्य प्रवेश द्वार है। यही कारण है कि सुदीर्घ काल से यह फलित ज्योतिष के पठन-पाठन में अपना अक्षुण्ण स्थान बनाए हुए है। सुकुमारमति छात्रों से लेकर बड़े-बड़े विद्वानों तक के मन को हर लेने वाली इस लघु पाराशरी को जहां अक्षय यश मिला, वहीं पर इसके रचयिता के विषय में निश्चय से कुछ कह पाना सम्भव नहीं है। विराट को अणु परमाणु में समेटने व उसे अन्तश्चेतना में प्रत्यक्ष करने की शक्ति से प्राचीन भारतीय मनीषियों ने भगवद्गीता, दुर्गासप्तशती, भागवत जैसे बृहद् ग्रन्थों को जिस प्रकार से सात-सात या चार श्लोकों में समेटा है उसी प्रकार पाराशर सिद्धान्तों को यहाँ केवल 42 श्लोकों में समेट दिया गया है। संक्षिप्तीकरण का यह एक श्रेष्ठतम नमूना है। सम्पूर्ण पाराशर मत का इन 42 श्लोकों में जो नवनीत प्रस्तुत किया गया है वह वास्तव में ज्योतिष में प्रवेश चाहने वाले पाठकों के लिए हृष्टि-पुष्टि व तुष्टि प्रदान करने वाला है। ”
ASIN : B0DL5GLBD1
Publisher : Generic (30 April 2024)
Paperback : 287 pages
Item Weight : 370 g
Dimensions : 13.8 x 2 x 21.5 cm
Country of Origin : India
Packer : Ranjan Publications
Generic Name : Ank Vidya Rahasya (अंक विद्या रहस्य) And Laghu Parashari ( लघु पाराशरी )
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