Hasta Sanjivan ( हस्त संजीवन ) And Laghu Parashari ( लघु पाराशरी ) Set Of 2 Books In Hindi Published By Ranjan Publications ( Best Astrolo…
₹149.50
Hasta Sanjivan ( हस्त संजीवन ) Published By Ranjan Publication , Pages – 190 , MRP – 150 Laghu Parashari ( लघु पाराशरी ) Published By Ranjan Publication , Pages – 144 , MRP – 150 ” लघु पाराशरी हमारी उस प्राचीन प्रतिपादन शैली का एक उत्कृष्ट व जिसके दर्शन हमें संस्कृत के सूत्रकारिका संग्रह आदि अनूठा नमूना पद्धति से रचित ग्रन्थों में होते हैं। जिस प्रकार पाणिनीय व्याकरण में प्रवेश पाने के लिए लघु सिद्धान्त कौमुदी के महत्त्व को सभी जानते हैं, उसी प्रकार फलित ज्योतिष के गहरे अध्ययन की ओर अग्रसर जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक मुख्य प्रवेश द्वार है। यही कारण है कि सुदीर्घ काल से यह फलित ज्योतिष के पठन-पाठन में अपना अक्षुण्ण स्थान बनाए हुए है। सुकुमारमति छात्रों से लेकर बड़े-बड़े विद्वानों तक के मन को हर लेने वाली इस लघु पाराशरी को जहां अक्षय यश मिला, वहीं पर इसके रचयिता के विषय में निश्चय से कुछ कह पाना सम्भव नहीं है। विराट को अणु परमाणु में समेटने व उसे अन्तश्चेतना में प्रत्यक्ष करने की शक्ति से प्राचीन भारतीय मनीषियों ने भगवद्गीता, दुर्गासप्तशती, भागवत जैसे बृहद् ग्रन्थों को जिस प्रकार से सात-सात या चार श्लोकों में समेटा है उसी प्रकार पाराशर सिद्धान्तों को यहाँ केवल 42 श्लोकों में समेट दिया गया है। संक्षिप्तीकरण का यह एक श्रेष्ठतम नमूना है। सम्पूर्ण पाराशर मत का इन 42 श्लोकों में जो नवनीत प्रस्तुत किया गया है वह वास्तव में ज्योतिष में प्रवेश चाहने वाले पाठकों के लिए हृष्टि-पुष्टि व तुष्टि प्रदान करने वाला है। ”
ASIN : B0DL58NL4B
Publisher : Generic (31 May 2024)
Paperback : 334 pages
Item Weight : 420 g
Dimensions : 13.5 x 1.8 x 21.5 cm
Country of Origin : India
Packer : Ranjan Publications
Generic Name : Hasta Sanjivan ( हस्त संजीवन ) And Laghu Parashari ( लघु पाराशरी )
Product Description
Price: ₹149.50
(as of Jan 17, 2025 09:01:11 UTC – Details)
Hasta Sanjivan ( हस्त संजीवन ) Published By Ranjan Publication , Pages – 190 , MRP – 150 Laghu Parashari ( लघु पाराशरी ) Published By Ranjan Publication , Pages – 144 , MRP – 150 ” लघु पाराशरी हमारी उस प्राचीन प्रतिपादन शैली का एक उत्कृष्ट व जिसके दर्शन हमें संस्कृत के सूत्रकारिका संग्रह आदि अनूठा नमूना पद्धति से रचित ग्रन्थों में होते हैं। जिस प्रकार पाणिनीय व्याकरण में प्रवेश पाने के लिए लघु सिद्धान्त कौमुदी के महत्त्व को सभी जानते हैं, उसी प्रकार फलित ज्योतिष के गहरे अध्ययन की ओर अग्रसर जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक मुख्य प्रवेश द्वार है। यही कारण है कि सुदीर्घ काल से यह फलित ज्योतिष के पठन-पाठन में अपना अक्षुण्ण स्थान बनाए हुए है। सुकुमारमति छात्रों से लेकर बड़े-बड़े विद्वानों तक के मन को हर लेने वाली इस लघु पाराशरी को जहां अक्षय यश मिला, वहीं पर इसके रचयिता के विषय में निश्चय से कुछ कह पाना सम्भव नहीं है। विराट को अणु परमाणु में समेटने व उसे अन्तश्चेतना में प्रत्यक्ष करने की शक्ति से प्राचीन भारतीय मनीषियों ने भगवद्गीता, दुर्गासप्तशती, भागवत जैसे बृहद् ग्रन्थों को जिस प्रकार से सात-सात या चार श्लोकों में समेटा है उसी प्रकार पाराशर सिद्धान्तों को यहाँ केवल 42 श्लोकों में समेट दिया गया है। संक्षिप्तीकरण का यह एक श्रेष्ठतम नमूना है। सम्पूर्ण पाराशर मत का इन 42 श्लोकों में जो नवनीत प्रस्तुत किया गया है वह वास्तव में ज्योतिष में प्रवेश चाहने वाले पाठकों के लिए हृष्टि-पुष्टि व तुष्टि प्रदान करने वाला है। ”
ASIN : B0DL58NL4B
Publisher : Generic (31 May 2024)
Paperback : 334 pages
Item Weight : 420 g
Dimensions : 13.5 x 1.8 x 21.5 cm
Country of Origin : India
Packer : Ranjan Publications
Generic Name : Hasta Sanjivan ( हस्त संजीवन ) And Laghu Parashari ( लघु पाराशरी )
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