Jharkhand Ki Sanskritik Dharohar Saraikela Chhau
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सरायकेलाछऊझारखंडकीअनमोलसांस्कृतिकधरोहरहै।इसनृत्यमेंमुखौटोंकाप्रयोगकियाजाताहै।इसनृत्यकीअभिव्यक्तिइतनीसशक्तहैकिबिनासंवादकेहीनर्तकपूरीकथासमझादेतेहैं।इसकीतालऔरगतिलोगोंकोमंत्रमुग्धकरदेतीहै।सरायकेलाछऊ 1930 केदशकसेहीकलाप्रेमियोंकेलिएजिज्ञासाऔरआकर्षणकाकेंद्ररहाहै।चाहेकलासंस्कृतिसेजुड़ीहस्तीहो, बुद्धिजीवीयाफिरराजनीतिसेताल्लुकरखनेवालीशख्सियत–सभीइसछऊनृत्यकेकायलरहेहैं।इंदिरागांधीनेअपनीपुस्तक‘इटरनलइंडिया’मेंसरायकेलाछऊकोमहत्त्वपूर्णस्थानदियाहै।सरायकेलाराजपरिवारनेभीइसकलाकेसंरक्षणऔरसंवर्द्धनमेंअपनीविशेषभूमिकाकानिर्वाहकियाहै।इसअनमोलकलाकेमहत्त्वकोदेखतेहुएराज्यसरकारप्रत्येकवर्षचैत्रपर्वकेअवसरपर‘छऊमहोत्सव’काआयोजनकरनेलगीहै।इसनृत्यनेअपनेचारूप्रदर्शनसेनसिर्फदेशकेकोने-कोनेमेंअपितुविदेशोंमेंभीअपनीधाकजमाईहै। 1938 मेंयहाँकेकलाकारोंनेइंग्लैंड, इटली, फ्रांसआदिदेशोंमेंइसकलाकाप्रदर्शनकियाऔरअबतोयहभारतसरकारकेसांस्कृतिकआदान-प्रदानकार्यक्रमोंकाअभिन्नअंगबनचुकीहै।इसकलासेप्रभावितहोकरविदेशोंसेभीलोगयहाँप्रशिक्षणकेलिएआतेहैं।भारतसरकारनेभीइसकलाकासम्मानकियाहै।अबतकइसनृत्यसेजुड़ेछहकलाकारोंको‘पद्मश्री’सेनवाजाजाचुकाहै।झारखंडकीइसअनमोलसांस्कृतिकविरासतकेमहत्त्वकोदेखतेहुएसन् 2010 मेंयूनेस्कोनेसरायकेलाछऊको‘इंटेजिबलकल्चरलहैरिटेज’कीसूचीमेंशामिलकरलियाहै।झारखंडराज्यतथाभारतवर्षकीलोकसंस्कृतिमेंसरायकेलाछऊनृत्यशैलीगौरवमयीस्थानरखतीहै।
Publisher : Kitabghar Prakashan (1 January 2012)
Language : Hindi
ISBN-10 : 9382114068
ISBN-13 : 978-9382114062
Country of Origin : India
Product Description
Price: ₹190 - ₹150.00
(as of Nov 06, 2024 11:49:41 UTC – Details)
सरायकेलाछऊझारखंडकीअनमोलसांस्कृतिकधरोहरहै।इसनृत्यमेंमुखौटोंकाप्रयोगकियाजाताहै।इसनृत्यकीअभिव्यक्तिइतनीसशक्तहैकिबिनासंवादकेहीनर्तकपूरीकथासमझादेतेहैं।इसकीतालऔरगतिलोगोंकोमंत्रमुग्धकरदेतीहै।सरायकेलाछऊ 1930 केदशकसेहीकलाप्रेमियोंकेलिएजिज्ञासाऔरआकर्षणकाकेंद्ररहाहै।चाहेकलासंस्कृतिसेजुड़ीहस्तीहो, बुद्धिजीवीयाफिरराजनीतिसेताल्लुकरखनेवालीशख्सियत–सभीइसछऊनृत्यकेकायलरहेहैं।इंदिरागांधीनेअपनीपुस्तक‘इटरनलइंडिया’मेंसरायकेलाछऊकोमहत्त्वपूर्णस्थानदियाहै।सरायकेलाराजपरिवारनेभीइसकलाकेसंरक्षणऔरसंवर्द्धनमेंअपनीविशेषभूमिकाकानिर्वाहकियाहै।इसअनमोलकलाकेमहत्त्वकोदेखतेहुएराज्यसरकारप्रत्येकवर्षचैत्रपर्वकेअवसरपर‘छऊमहोत्सव’काआयोजनकरनेलगीहै।इसनृत्यनेअपनेचारूप्रदर्शनसेनसिर्फदेशकेकोने-कोनेमेंअपितुविदेशोंमेंभीअपनीधाकजमाईहै। 1938 मेंयहाँकेकलाकारोंनेइंग्लैंड, इटली, फ्रांसआदिदेशोंमेंइसकलाकाप्रदर्शनकियाऔरअबतोयहभारतसरकारकेसांस्कृतिकआदान-प्रदानकार्यक्रमोंकाअभिन्नअंगबनचुकीहै।इसकलासेप्रभावितहोकरविदेशोंसेभीलोगयहाँप्रशिक्षणकेलिएआतेहैं।भारतसरकारनेभीइसकलाकासम्मानकियाहै।अबतकइसनृत्यसेजुड़ेछहकलाकारोंको‘पद्मश्री’सेनवाजाजाचुकाहै।झारखंडकीइसअनमोलसांस्कृतिकविरासतकेमहत्त्वकोदेखतेहुएसन् 2010 मेंयूनेस्कोनेसरायकेलाछऊको‘इंटेजिबलकल्चरलहैरिटेज’कीसूचीमेंशामिलकरलियाहै।झारखंडराज्यतथाभारतवर्षकीलोकसंस्कृतिमेंसरायकेलाछऊनृत्यशैलीगौरवमयीस्थानरखतीहै।
Publisher : Kitabghar Prakashan (1 January 2012)
Language : Hindi
ISBN-10 : 9382114068
ISBN-13 : 978-9382114062
Country of Origin : India
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