Shukra Neeti ( शुक्र निति कालचक्र की सीमाओं से परे राजनीती के भवन की नींव को पुष्ट करने वाला नीतिग्रन्थ ) And Chanakya Neeti & Jeevan Char…

Shukra Neeti ( शुक्र निति कालचक्र की सीमाओं से परे राजनीती के भवन की नींव को पुष्ट करने वाला नीतिग्रन्थ ) And Chanakya Neeti & Jeevan Char…

189.00

Shukra Neeti ( शुक्र निति कालचक्र की सीमाओं से परे राजनीती के भवन की नींव को पुष्ट करने वाला नीतिग्रन्थ ) In Hindi Published By Randhir Prakashan Mrp-200 , Pages-192 Chanakya Neeti & Jeevan Charitra ( चाणक्य निति और जीवन चरित्र ) In Hindi Published By Randhir Prakashan Mrp-180 , Pages-192 पुरोवाक् महाभारत में कहा गया है- जब धर्म विप्लव के कारण लोगों में अनाचार का उत्कर्ष हो गया तब त्रस्त देवतागण ब्रह्मा के पास पहुँचे। उनसे धर्मोद्धार के लिये प्रार्थना की तब ब्रह्मा ने उस प्रार्थना को स्वीकार करते हुये एक लाख अध्यायों में एक शास्त्र की रचना की जिसमें सभी उपयोगी विषयों का समावेश किया गया था। इसी शास्त्र का नाम ‘नीति-शास्त्र’ है इसमें ‘दण्ड-नीति’ के रूप में भी जाना जाता है। महाभारत में ही ब्रह्मा प्रणीत नीति शास्त्र के प्रचारक के रूप में यह स्वायंभु मनु के नाम की भी चर्चा होती है, इसी आधार पर उशना तथा बृहस्पति द्वारा अपने-अपने शास्त्र की रचना करने का उल्लेख है। शुक्रनीति-सार के अनुसार तो इसमें एक करोड़ श्लोक थे- शतलक्ष-श्लोक-मितं नीति स्वयम्भूर्भगवांल्लोक-हितार्थ शास्त्रमथोक्तवान् । संग्रहेण वै।। – शुक्रनीति सार 1/2, 3 लेकिन प्रजा की आयु में ह्रास को देखकर भगवान शंकर ने इस नीति शास्त्र को 10 हजार अध्यायों में संक्षिप्त किया जिसका नाम ‘वैशालाक्ष नीति-शास्त्र’ पड़ा। बाद में इंद्र ने इसको पाँच हजार अध्यायों में संक्षिप्त किया तब इसका नाम ‘बाहुदन्तक शास्त्र’ पड़ा। बाद में इसका सार गुरु बृहस्पति ने तीन हजार अध्यायों में संक्षिप्त करके इसका नाम ‘बार्हस्पत्यशास्त्र’ पड़ा। अन्ततः भृगु पुत्र शुक्राचार्य ने एक हजार अध्यायों में इसका संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया जो ‘शुक्रनीति’ के नाम से जाना गया। ‘शुक्रनीति सार’ के अनुसार शुक्र कृत संक्षिप्त नीति शास्त्र में मात्र 2200 श्लोक थे जो शुक्रनीति सार में वर्तमान हैं, लेकिन यह तथ्य असंगत जान पड़ता है कि एक हजार अध्याय के ग्रन्थ में मात्र 2200 श्लोक ही हों। हम इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते कि शुक्रनीति शास्त्र में कितने अध्याय और श्लोक हैं ? हमारा लक्ष्य शुक्राचार्य कृत ‘शुक्रनीति’ के सुवचनों को आप तक पहुँचाना है, जिससे आप उन्हें व्यवहार में लाकर थोड़ा भी उपयोग कर सकें तो हमारा यह श्रम निरर्थक नहीं जायेगा। भारतीय नीतिशास्त्र के इतिहास में शुक्राचार्य का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। शुक्राचार्य के पर्याय शब्द, उशना, काव्य, भार्गव प्रकाशकीय आज भारत में ‘चाणक्य नीति’ की बढ़ती हुई उपादेयता को देखकर कई वर्षों से मेरी इच्छा थी कि आचार्य चाणक्य के जीवन- चरित्र पर प्रकाश डालने वाली एक पुस्तिका प्रकाशित की जाए जिसे पढ़कर नवयुवकों और बुद्धिजीवी नागरिकों को चाणक्य के व्यक्तित्व के विषय में जानकर ज्ञानार्जन तो होगा ही, साथ ही उनमें देश के लिए त्याग, तपस्या, दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति भी जागेगी। कुछ पुस्तकें जो अब तक चाणक्य के विषय में छपीं वे या तो बालकों के स्तर की थीं या फिर विद्वानों के मतलब की। कुछ लेखकों से इस बारे में बात हुई तो कई प्रकार के ऐतिहासिक मतभेदों के कारण अभी तक यह कार्य न हो सका था। इसके अतिरिक्त उपन्यासों के इस युग में ऐसे गूढ़ और कम बिक सकने वाले विषय पर लेखक भी प्रयत्न नहीं करते हैं। अन्ततः समाज सेवा के हित में यशपाल ‘भारती’ जी से ‘चाणक्य’ के विषय में कथावस्तु एकत्र करने की बात हुई और मुझे उन पर गर्व है कि उन्होंने अल्पसमय में ही विभिन्न उपलब्ध पुस्तकों, पुस्तकालयों और विज्ञजनों से चाणक्य के विषय में ऐतिहासिक तथ्यों और विषय सामग्री को जुटाया। उनके किए गए अनथक परिश्रम के बाद मैं श्री चन्द्रमणि कीर्तिपाल का आभारी हूँ जिन्होंने उस सामग्री पर पुनः प्रयत्न करके पाण्डुलिपि तैयार की और पाण्डुलिपि को शुद्ध करके श्री आनन्द कुमार शर्मा एवं सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने अन्तिम रूप तक पहुँचाने का सफल प्रयास किया है। इस प्रकार तीनों ही व्यक्तियों ने बिना किसी

ASIN ‏ : ‎ B0DSKMDGGF
Publisher ‏ : ‎ Generic (19 December 2023)
Paperback ‏ : ‎ 384 pages
Item Weight ‏ : ‎ 480 g
Dimensions ‏ : ‎ 14 x 3 x 22 cm
Country of Origin ‏ : ‎ India
Packer ‏ : ‎ Randhir Prakashan
Generic Name ‏ : ‎ Shukra Neeti ( शुक्र निति कालचक्र की सीमाओं से परे राजनीती के भवन की नींव को पुष्ट करने वाला नीतिग्रन्थ ) And Chanakya Neeti & Jeevan Charitra ( चाणक्य निति और जीवन चरित्र ) Set Of 2 Books In Hindi Published By Randhir Prakashan

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Price: ₹189
(as of Jan 28, 2025 08:32:08 UTC – Details)



Shukra Neeti ( शुक्र निति कालचक्र की सीमाओं से परे राजनीती के भवन की नींव को पुष्ट करने वाला नीतिग्रन्थ ) In Hindi Published By Randhir Prakashan Mrp-200 , Pages-192 Chanakya Neeti & Jeevan Charitra ( चाणक्य निति और जीवन चरित्र ) In Hindi Published By Randhir Prakashan Mrp-180 , Pages-192 पुरोवाक् महाभारत में कहा गया है- जब धर्म विप्लव के कारण लोगों में अनाचार का उत्कर्ष हो गया तब त्रस्त देवतागण ब्रह्मा के पास पहुँचे। उनसे धर्मोद्धार के लिये प्रार्थना की तब ब्रह्मा ने उस प्रार्थना को स्वीकार करते हुये एक लाख अध्यायों में एक शास्त्र की रचना की जिसमें सभी उपयोगी विषयों का समावेश किया गया था। इसी शास्त्र का नाम ‘नीति-शास्त्र’ है इसमें ‘दण्ड-नीति’ के रूप में भी जाना जाता है। महाभारत में ही ब्रह्मा प्रणीत नीति शास्त्र के प्रचारक के रूप में यह स्वायंभु मनु के नाम की भी चर्चा होती है, इसी आधार पर उशना तथा बृहस्पति द्वारा अपने-अपने शास्त्र की रचना करने का उल्लेख है। शुक्रनीति-सार के अनुसार तो इसमें एक करोड़ श्लोक थे- शतलक्ष-श्लोक-मितं नीति स्वयम्भूर्भगवांल्लोक-हितार्थ शास्त्रमथोक्तवान् । संग्रहेण वै।। – शुक्रनीति सार 1/2, 3 लेकिन प्रजा की आयु में ह्रास को देखकर भगवान शंकर ने इस नीति शास्त्र को 10 हजार अध्यायों में संक्षिप्त किया जिसका नाम ‘वैशालाक्ष नीति-शास्त्र’ पड़ा। बाद में इंद्र ने इसको पाँच हजार अध्यायों में संक्षिप्त किया तब इसका नाम ‘बाहुदन्तक शास्त्र’ पड़ा। बाद में इसका सार गुरु बृहस्पति ने तीन हजार अध्यायों में संक्षिप्त करके इसका नाम ‘बार्हस्पत्यशास्त्र’ पड़ा। अन्ततः भृगु पुत्र शुक्राचार्य ने एक हजार अध्यायों में इसका संक्षिप्त रूप प्रस्तुत किया जो ‘शुक्रनीति’ के नाम से जाना गया। ‘शुक्रनीति सार’ के अनुसार शुक्र कृत संक्षिप्त नीति शास्त्र में मात्र 2200 श्लोक थे जो शुक्रनीति सार में वर्तमान हैं, लेकिन यह तथ्य असंगत जान पड़ता है कि एक हजार अध्याय के ग्रन्थ में मात्र 2200 श्लोक ही हों। हम इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते कि शुक्रनीति शास्त्र में कितने अध्याय और श्लोक हैं ? हमारा लक्ष्य शुक्राचार्य कृत ‘शुक्रनीति’ के सुवचनों को आप तक पहुँचाना है, जिससे आप उन्हें व्यवहार में लाकर थोड़ा भी उपयोग कर सकें तो हमारा यह श्रम निरर्थक नहीं जायेगा। भारतीय नीतिशास्त्र के इतिहास में शुक्राचार्य का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। शुक्राचार्य के पर्याय शब्द, उशना, काव्य, भार्गव प्रकाशकीय आज भारत में ‘चाणक्य नीति’ की बढ़ती हुई उपादेयता को देखकर कई वर्षों से मेरी इच्छा थी कि आचार्य चाणक्य के जीवन- चरित्र पर प्रकाश डालने वाली एक पुस्तिका प्रकाशित की जाए जिसे पढ़कर नवयुवकों और बुद्धिजीवी नागरिकों को चाणक्य के व्यक्तित्व के विषय में जानकर ज्ञानार्जन तो होगा ही, साथ ही उनमें देश के लिए त्याग, तपस्या, दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति भी जागेगी। कुछ पुस्तकें जो अब तक चाणक्य के विषय में छपीं वे या तो बालकों के स्तर की थीं या फिर विद्वानों के मतलब की। कुछ लेखकों से इस बारे में बात हुई तो कई प्रकार के ऐतिहासिक मतभेदों के कारण अभी तक यह कार्य न हो सका था। इसके अतिरिक्त उपन्यासों के इस युग में ऐसे गूढ़ और कम बिक सकने वाले विषय पर लेखक भी प्रयत्न नहीं करते हैं। अन्ततः समाज सेवा के हित में यशपाल ‘भारती’ जी से ‘चाणक्य’ के विषय में कथावस्तु एकत्र करने की बात हुई और मुझे उन पर गर्व है कि उन्होंने अल्पसमय में ही विभिन्न उपलब्ध पुस्तकों, पुस्तकालयों और विज्ञजनों से चाणक्य के विषय में ऐतिहासिक तथ्यों और विषय सामग्री को जुटाया। उनके किए गए अनथक परिश्रम के बाद मैं श्री चन्द्रमणि कीर्तिपाल का आभारी हूँ जिन्होंने उस सामग्री पर पुनः प्रयत्न करके पाण्डुलिपि तैयार की और पाण्डुलिपि को शुद्ध करके श्री आनन्द कुमार शर्मा एवं सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने अन्तिम रूप तक पहुँचाने का सफल प्रयास किया है। इस प्रकार तीनों ही व्यक्तियों ने बिना किसी

ASIN ‏ : ‎ B0DSKMDGGF
Publisher ‏ : ‎ Generic (19 December 2023)
Paperback ‏ : ‎ 384 pages
Item Weight ‏ : ‎ 480 g
Dimensions ‏ : ‎ 14 x 3 x 22 cm
Country of Origin ‏ : ‎ India
Packer ‏ : ‎ Randhir Prakashan
Generic Name ‏ : ‎ Shukra Neeti ( शुक्र निति कालचक्र की सीमाओं से परे राजनीती के भवन की नींव को पुष्ट करने वाला नीतिग्रन्थ ) And Chanakya Neeti & Jeevan Charitra ( चाणक्य निति और जीवन चरित्र ) Set Of 2 Books In Hindi Published By Randhir Prakashan

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